कोई दोस्त बनता है तो कोई प्यार,
किसीने मेरी रूह को छुआ और किसीने मेरा दिल।
एक के साथ मैंने कई सपने देखे
और एक के साथ मैंने कुछ और सपने पूरे किये।
इन सब उलझनों मैं,
इन्ही करामातों मैं प्यार कही खो गया।
बस रह गयी यादें, उम्मीदें और एक टीस।
एक टीस जो चुबती है इस खालीपन मैं।
मेरे कर्मों पर रेहम कर मेरे मौला,
मुझे इस खालीपन से बचाले मेरे मौला।
दुनिया की जन्नत भी इसे भर नहीं सकती,
इसे प्यार से भर दे मेरे यार।
ऐसे ही कब तक चलती रहूंगी मैं मंज़िल के इंतज़ार मैं,
राहों से भी तो दिल बहलाना है मुझे।