नन्ही सी गुड़िया थी वह
पर भी न आये थे उसके अभी।
मुस्कुराती, इठलाती चुलबुल चिड़िया थी वह
माँ बाप के आखों का तारा,
बुझ चुका है आज।
रूंध दिया एक नन्हे फुल को,
भेज दिया जल्लाद के हाथ।
उस नन्हें की कीमत
थी दस हज़ार से काम,
ट्विंकल की जान ने पूरी कर दी वह रकम।
इंसान को देख के,
शैतान भी है आज हैरान।
कहा से आयी यह हैवानियत,
कौन है इनका भगवान्?
माया के जाल में,
फस गया तू इंसान।
क्या रमज़ान और क्या दिवाली,
जब किसी के ख़ून से
बढे हमारी शान।
Twinkle Sharma murder
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