All that I feel, read and speak. Trying to condense some of the toughest life lessons into simple words. Relieving the magic of written expression and making peace with my mind.
Monday, 21 December 2020
Waiting for the Light
Monday, 30 November 2020
Covid 19 - a precious year in the life of a child lost
Friday, 1 May 2020
लंबा इंतजार
कुछ लोग मौत से डरते है,
कुछ इसकी दुआ करते हैं।
कैसे कटेगी इतनी लंबी रात,
सूरज ढलने के बाद।
हर वक़्त तेरे इंतेज़ार में,
मैं चौकन्नी खड़ी हु।
जब आये तू दरवाजे पे,
मैं तैयार बैठी हु।
वक़्त की हरियाली में,
भूल गयी अपने बचपन के अंधेरे को।
भूल गयी थी मैं,
कि अंधेरे के साए में पली हु में।
बंद कमरे में क़ैद,
चीख़ने चिल्लाने से
अंधेरा दूर नही होता।
हमेशा अकेलेपन से दूर भागी हु मैं,
पर उसने मेरा साथ ना छोड़ा।
हर मोड़ पर, कब कहाँ दिख जाए
कब फिर से मेरा हाथ पकड़ले।
कभी कभी लगता है,
सदियां बीत गयी।
और कभी लगता है,
अभी तो ज़िन्दगी शुरू हुई थी।
ज्यादा हँसी से हमेशा से डरी हु,
कहीं छोड़ के ना चलि जाए।
खुली आँखों से सपने देखे
कि बंद आंखों से नमी ना निकल पाए।
अब तक जो तेरा साथ था,
बस उसका शुक्रिया।
दिन हो या रात,
बस आपका शुक्रिया।
Thursday, 30 January 2020
Too precious to me
These moments are too precious to me.
Each moment I spend with you
Is magic to me.
The places and people,
Your laughter and thrill
Is infectious to me.
I cry lest these moments are gone,
Forever trapped in my memories.
This life with you is
Too precious to me.
Like pearls in a necklace,
Each moment and laughter
Is dear to me.
It holds my life,
My being together.
This is what
binds you and me.
Each year,
I look forward to.
I know it brings in
new experiences for me.
Our love today is deep,
Deep like the oceans we see.
The emotions run
Deep within me.
These moments,
This life with you is
Too precious to me.